मैं जानता हूँ कि पुरुष दिवस को महिला दिवस जैसी पहचान और सम्मान नहीं मिलता, लेकिन फिर भी, मैं आपको दिल से Happy Men’s Day कहना चाहता हूँ। सोशल मीडिया के इस युग में जहाँ हर किसी को 8 मार्च के महिला दिवस का पता होता है, वहीं 19 नवंबर, यानी International Men’s Day, के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
आप शायद—
• एक पिता का किरदार निभा रहे होंगे,
• एक भाई का,
• एक बेटे का,
• एक पति का या एक दोस्त का।
और हर भूमिका में अपनी पूरी क्षमताओं के साथ हमेशा बेस्ट देते होंगे।
“ज़िम्मेदारियों को समझने से लेकर उन्हें निभाने तक,अपने लिए सपने देखने से लेकर उन्हें पूरा करने तक,अपने लिए कमाने से लेकर अपनों के लिए कामने तक”—इस पूरी यात्रा को तय करना ही आपको एक ‘पुरुष’ बनाता है।
“मर्द” होने का मतलब कठोर होना नहीं है।“लड़के रोते नहीं” या “मर्द को दर्द नहीं होता”—ये बातें केवल रूढ़िवादी धारणाएँ हैं। प्यार या दुःख में आपकी आँखों से आँसू निकलते हैं, तो यह आपकी अंदरूनी अच्छाई और संवेदनशीलता का प्रतीक है।संवेदनशील होना कमजोरी नहीं, बल्कि आपकी ताकत है।भावनाओं का होना ही इंसान को इंसान बनाता है।
कोई भी Perfect Man नहीं होता। लेकिन हर किसी में बेहतर बनने की संभावना होती है।आपकी भाषा में शालीनता और आपके व्यक्तित्व में आत्मविश्वास होना चाहिए।काम और परिवार के बीच संतुलन बनाएँ।ऑफिस की टेंशन, ट्रैफिक जाम की खीझ, या दुनिया की समस्याओं का बोझ घर न लेकर जाएँ।आप अच्छे हैं, और आप और बेहतर बन सकते हैं।
खुद को अपग्रेड करना मत भूलिए
• हमेशा कुछ नया सीखें।
• किसी न किसी खेल (sports) का हिस्सा बनें।
• अपनी सेहत का ध्यान रखें।
अब बात को थोड़ा और गहराई में ले चलते हैं।
मैं दूसरों के मन की बात नहीं जानता, लेकिन अपने दिल की बात जरूर कहना चाहता हूँ।अब तक मैंने कई कविताएँ पढ़ी हैं, जो इंसानी सुंदरता का बखान करती हैं। पर जब भी सुंदरता की बात होती है, पहला ख़्याल हमेशा स्त्री की सुंदरता का ही आता है।
शायद इसलिए क्योंकि ज़्यादातर कविताएँ स्त्री की सुंदरता पर ही लिखी गई हैं।
अक्सर कवि और शायर लिखते हैं:
• उसकी कमर नदी के मुड़ाव सी है,
• उसकी चाल मोरनी जैसी है,
• उसकी जुल्फें पर्दे की तरह हैं, जिनके पीछे चाँद छुप जाता है।
• उसके होंठ गुलाब की पंखुड़ियों से मिलते हैं,
• और उसकी आँखों में शराब से ज्यादा नशा है।
लेकिन बहुत ही कम कविताएँ पुरुष की सुंदरता पर लिखी गई हैं।
किसी ने यह नहीं कहा—
“तुम्हारी भुजाएँ चट्टानों जैसी हैं।”
या“तुम्हारी आँखों में सुकून का समंदर है।”
और अगर कोई ऐसा लिख भी दे, तो सुनने वाले हँस देंगे। क्योंकि उन्हें ऐसी तारीफ सुनने की आदत नहीं है।
भविष्य में पुरुषों पर कविताएँ?
शायद जब लड़कियों को प्यार जताने की पूरी आज़ादी और हिम्मत मिलेगी, तब पुरुषों की सुंदरता पर भी कविताएँ लिखी जाएँगी।हो सकता है कि हमारी पीढ़ी उन कविताओं को पढ़कर हँसे, लेकिन आने वाले समय में इन्हें सराहा जाएगा।
शायद वे कविताएँ चैट पर फॉरवर्ड भी की जाएँगी।
खैर, यह सब तो समय ही बताएगा।
लेकिन मैं जरूर देखना चाहता हूँ कि एक पुरुष की सुंदरता का व्याख्यान कितने तरीकों से किया जा सकता है।
आपके चेहरे पर मुस्कान लाने के इस प्रयास के साथ विदा लेता हूँ।एक बार फिर, आप सभी को पुरुष दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ।Happy Men’s Day!